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अग्निपथ योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में केस दर्ज,होगा नोटीफिकेशन वापस?

Agnipath Scheme: अग्निपथ स्कीम के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका में एयरफोर्स कर्मियों का कहना है कि इसके चलते उनका करियर 20 साल की बजाय महज 4 साल का ही हो जाएगा। इस पर अगले सप्ताह सुनवाई होगी।
क्या है अग्निपथ योजना?
भारत सरकार द्वारा अग्निपथ योजना launch की गई है। इस योजना के माध्यम से वह सभी देश के युवाओं को जो भारतीय सेना में हिस्सा लेना चाहते हैं और अपना सपना पूरा करना चाहते हैं। Agneepath Yojana के माध्यम से भारतीय सेना की तीनों शाखाओं जो कि थलसेना, नौसेना और वायु सेना है, मैं बड़ी संख्या में भर्ती की जाएगी। यह भर्ती अग्निपथ योजना के अंतर्गत की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत सैनिकों की भर्ती 4 साल के लिए की जाएगी। इस योजना को आरंभ करने की घोषणा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं सेना के तीनों अंगों के प्रमुख द्वारा की गई है। इस योजना के अंतर्गत भर्ती किए गए नौजवानों को अग्निवीर कहा जाएगा।

Agneepath Yojana का मुख्य उद्देश्य- 
इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के युवाओं को 4 वर्ष के लिए सेना में भर्ती करना है। जिससे कि उन सभी देश के युवाओं का सपना पूरा हो सके जो सेना में भाग लेना चाहते हैं। इसके अलावा इस योजना के संचालन से देश की सुरक्षा को और मजबूत बनाया जा सकेगा। अग्निपथ योजना के अंतर्गत 4 वर्षों के लिए युवाओं की नियुक्ति की जाएगी जिसमें उनको सेना की HighSkill Training प्रदान की जाएगी। इस Training के माध्यम से वह अधिक प्रशिक्षित एवं अनुशासित बन सकेंगे। यह योजना देश की बेरोजगारी दर को घटाने में भी कारगर साबित होगी। इसके अलावा देश के नागरिक इस योजना के संचालन से सशक्त एवं आत्मनिर्भर बन सकेंगे। इस योजना के संचालन से जवानों की औसतन उम्र घटकर 26 साल की हो जाएगी। इसके अलावा इन सभी युवाओं में से 25% नौजवानों को सेवा में रख भी लिया जाएगा।

Agnipath Scheme के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर:-
सेना में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ स्कीम के विरोध में दायर अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट में अगले सप्ताह गर्मियों की छुट्टियां समाप्त होने के बाद इस पर सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका में एयरफोर्स कर्मियों का कहना है कि इसके चलते उनका करियर 20 साल की बजाय महज 4 साल का ही हो जाएगा। याचिका दायर करने वाले एडवोकेट एम.एल शर्मा ने कहा, 'मेरी अर्जी है कि सरकार की ओर से भर्ती के लिए जो नोटिफिकेशन जारी किया गया है, उसे कैंसिल किया जाए। सरकार कोई भी स्कीम ला सकती है, लेकिन यहां बात सही और गलत की है। अब भी 70 हजार लोग ऐसे हैं, जो नियुक्ति पत्र का इंतजार कर रहे हैं।'
यह अर्जी जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस J K माहेश्वरी की वैकेशन बेंच के समक्ष दाखिल की गई है। याची का कहना है कि अग्निपथ स्कीम कम से कम उन लोगों पर लागू नहीं होनी चाहिए, जो पहले से चल रही भर्ती प्रक्रिया में शामिल हैं और नियुक्ति पत्र का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मसले पर तत्काल सुनवाई होनी चाहिए क्योंकि यह सैनिकों के करियर का सवाल है। वकील ने कहा कि कई बार कोशिशों के बाद भी रजिस्ट्री विभाग की ओर से तारीख नहीं दी गई है। शर्मा ने कहा कि अदालत को 14 जून को रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन को कैंसिल करना चाहिए, जिसमें अग्निपथ स्कीम का ऐलान किया गया था।
इस मामले में एक और अर्जी अधिवक्ता विशाल तिवारी की ओर से दायर की गई है। उन्होंने अदालत से मांग की गई है कि अग्निपथ स्कीम के परीक्षण के लिए एक एक्सपर्ट कमिटी का गठन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कमेटी यह तय करे कि इस स्कीम का युवाओं के भविष्य और देश की सुरक्षा व्यवस्था पर क्या असर होगा। अग्निपथ स्कीम के विरोध में दायर याचिकाओं को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से भी एक परिवाद दाखिल किया गया है। इसमें सरकार ने कहा कि अदालत कोई भी फैसला सुनाने से पहले इस मसले पर सरकार का पक्ष भी सुन ले।

आपको क्या लगता है Agnipath Yojna वापस होगी या नहीं? अपनी राय कमेंट करके बताएं। ऐसी खबरों को सबसे पहले जानने के लिए a2zlatestupdate.com को सब्सक्राइब करें।

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